क्वाड हिंद और प्रशांत महासागर से लगे हुए देश भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान का समूह है। क्वाड शब्द 'क्वाड्रीलेटरल सुरक्षा वार्ता' के क्वाड्रीलेटरल (चतुर्भज) से लिया गया है। आधिकारिक तौर पर यह एक औपचारिक गठबंधन नहीं है बल्कि यह एक अनौपचारिक रणनीतिक मंच है। लक्ष्य। क्वाड का उदेश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में लोकतांत्रिक देशों के हितों की रक्षा करना और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना है। इनमें समुद्री सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे के अलावा वर्तमान में कोरोना महामारी भी शामिल है। क्वाड को चीन के बढ़ते प्रभाव और विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं का मुकाबला करने के प्रयास के रूप में भी देखा जाता है। शुरूआत। 2006 में तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे क्वाड के गठन पर विचार करने वाले पहले व्यक्ति थे। थोड़ा सा पीछे जाएं तो क्वाड जैसे समूह को बनाने की जरूरत पहली बार 2004 में आई सुनामी के बाद पड़ा, जब भारत ने जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के साथ मिलकर प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया था। पहली बैठक। 4 देशों के इस समूह की पहली बैठक 2007 में फि
क्या है ONDC.
ONDC (ओपन नेटवर्क फार डिजिटल कॉमर्स) छोटे व्यापारियों और किराना स्टोर्स के लिए अपना सामान ऑनलाइन बेचने के लिए एक प्लैटफॉर्म है ताकि वे बड़ी ई-कामर्स कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर सकें।
यह ग्रोसरी, फूड आर्डर और डिलीवरी, होटल बुकिंग और ट्रेवल जैसे क्षेेत्रों में स्थानीय व्यापार को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक लेकर जाएगा और उन्हें जोड़ने में मदद करेगा।
इसका उदेश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम MSME और छोटे व्यापारियों को सपाेेर्ट कर उन्हें ऑनलाइन प्लेटफार्म तक पहुंचाने में मदद करना है।
शुरू हो चुका है पायलट चरण।
भारत ने देश के 5 शहरों में ONDC का पायलट चरण शुरू कर दिया है। इनमें दिल्ली एनसीआर, बेंगलूरू, भोपाल, शिलांग और काेयंबटूर है। फिलहाल इन शहरों में 150 खुदरा विक्रेताओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
फीचर्स।
ONDC उसी फार्मेट में काम करेगा, जिस तरह से यूनिफाइड पेमेंटस इंटरफेस (UPI) करता है। इसके माध्यम से, व्यापारी अपने डेटा को सेव कर पाएंगे और क्रेडिट हिस्ट्री बना पाएगें।
मौजूदा ई-कामर्स प्लेटफार्म की तरह इस पर खरीददार और विक्रेता को एक ही प्लेटफार्म की तरह इस पर खरीददार और विक्रेता को एक प्लेटफार्म पर होने की जरूरत नहीं है।
नेटवर्क पर लेनदेन का डेटा शेयर करना अनिवार्य नहीं होगा।
छोटे दुकानदारों की कैसे करेगा मदद।
2 बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनीयाें का देश के ऑनलाइन खुदरा बाजार में 80% हिस्सा है। कंपनीयों ने भारी छूट और पसंदीदा विक्रेताओं का प्रचार कर अपना प्रभुत्व बनाए रखा है।
ONDC का लक्ष्य छोटे व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं को बड़े पैमाने पर लोगाें तक पहुंचाने की अनुमति देकर इस प्रभुत्व को तोड़ना है। प्लेटफार्म का उदेश्य बड़े विक्रेताओं का एकाधिकार समाप्त कर ई-कामर्स का लाकतंत्रीकरण करना है।
लिस्टिंग।
बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में शीर्ष विक्रेताओं को एल्गोरिदम और कमीशन के भुगतान के आधार पर सूचीबद्ध किया जाता है। ONDC में, लिस्टिंग कई मापदंडों पर आधारित होगी, जिसमें उपभोक्ता क्या चाहता है, कीमत, विक्रेता का स्थान या डिलीवरी का समय जैसी चीजें शामिल है।
टीम।
ONDC के लिए सरकार ने एक सलाहकार परिषद का गठन किया है, जिनमें UIDAI के पहले चेयरमैन नंदन एम. नीलेकणी, राष्ट्रीय स्वास्थय प्राधिकरण के सीईओ आर. एस. शर्मा और क्यूसीआई एवं क्षमता निर्माण आयोग के अध्यक्ष आदिल जैनुलभाई जैसे कई लोग शामिल हैं।
गेमचेंजर आइडिया।
"यूपीआई के बाद कॉमर्स को लाकतांत्रिक बनाने के लिए एक और गेमचेंजर आइडिया- ओएनडीसी को आज चुनिंदा उपभोक्ताओं, विक्रेताओ और लॉजिस्टिक प्रदाताओं के लिए शुरू किया गया। विकल्प, सुविधा और पारदर्शिता की दुनिया के लिए तैयार हो जाइए।" --- वाणिज्य और उद्योग मंत्री- पीयूष गोयल।
"यह एक विचार है जिसका समय आ गया है।"--- नंदन एम. नीलेकणि।
तारीख: 04/05/2022
लेखक: शत्रुंजय कुमार।
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