वित्त वर्ष 2026 तक इंजीनियरिंग, टेलीकॉम व हेल्थकेयर सेक्टर में 12 मिलियन नई नौकरियां आने की उम्मीद है। यह आंकड़े हाल ही में जारी टीमलीज डिजिटल की एक रिपोर्ट में सामने आई है। अगले 5 सालों में इन तीन तीनों क्षेत्रों का जीडीपी में अच्छा खासा योगदान रहेगा। फिलहाल इस सेक्टर में 4.56 मिलियन नौकरिया है साल 2026 तक करीब 9 मिलियन की बढ़ोतरी के साथ 12 मिलियन से अधिक नौकरियां इन तीनों सेक्टर में उपलब्ध होंगी। साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि स्पेशलाइज पेशेवरों की मांग में भी दुगनी वृद्धि होगी। फिलहाल स्किल्ड व स्पेशलाइजड पेशेवरों की मांग 45 लाख से अधिक है जो साल 2026 में बढ़कर 90 लाख के करीब होगी।
किन ब्रांचेज की रहेगी अधिक डिमांड।
फिलहाल कंप्यूटर साइंस, डाटा साइंस व एआई ब्रांच की मांग सबसे अधिक है। आईआईटी दिल्ली के पूर्व डायरेक्टर राम गोपाल राव मानते हैं कि ट्रेडिशनल ब्रांच जैसे सिविल, मैकेनिकल, एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग की मांग कभी कम नहीं होगी। इन सभी कोर्सेज के लिए जेईई मेन के जरिए विभिन्न आईआईटी व एनआईटी में प्रवेश लिया जा सकता है।
स्पेशलाइजेशन के विकल्प।
कंप्यूटर साइंस ब्रांच में एमटेक करके डाटा साइंस व एआई में स्पेशलाइजेशन हासिल कर सकते हैं। टेलीकॉम में टेलीकॉम पॉलिसीज, वायरलेस कम्युनिकेशन सिस्टम, सैटलाइट कम्युनिकेशन आदि विषयों में स्पेशलाइजेशन हासिल किया जा सकता है। इसी तरह मेडिकल में एमबीबीएस व एमडी कोर्स के अलावा पैरामेडिकल कोर्स जैसे रेडियोलॉजी, एनेथिसिआ के साथ वीपीटी, बीएनवाईएस आदि के लिए मौके हैं।
सिस्टम मैनेजर व डाटा एनालिस्ट के पदों के लिए मौके।
टेलीकॉम सेक्टर में करियर के लिए टेलीकम्युनिकेशन में बीटेक या बीई किया जा सकता है। टेलीकॉम सेक्टर में सिस्टम मैनेजर, टेली कम्युनिकेशन इंजीनियर व मैनेजर, डाटा एनालिस्ट आदि पदों के लिए अवसर है। दूसरी ओर हेल्थ केयर की बात करें तो डॉक्टर के अलावा नर्सिंग, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन आदि पेशेवरों की मांग आने वाले समय में बढ़ेगी।
तारीख: 04/04/2022
लेखक: राकेश कुमार।
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