असम और मेघालय ने अपने 50 साल पुराने सीमा विवाद को हल करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों राज्यों के बीच 12 में से 6 क्षेत्रों के विवाद का निपटारा हुआ। इस दौरान नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कौन और संगमा मौजूद रहे।
दोनों राज्यों के बीच 70% सीमा पर कोई विवाद नहीं।
समझौते को नॉर्थ ईस्ट के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच बहुत कम समय में यह समझौता हुआ है और लगभग 70% सीमा विवादमुक्त हो गई है।
क्या है विवाद।
1972 में असम से अलग होकर मेघालय राज्य बना था। नए राज्य बनने के बाद से ही विवाद शुरू हो गया। मेघालय ने असम पुनर्गठन अधिनियम 1971 को चुनौती दी थी, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों के 12 इलाकों को लेकर विवाद पैदा हुआ। दोनों राज्य 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।
12 विवादित क्षेत्र।
क्षेत्रों में गजांग रिजर्व फॉरेस्ट, हाहिम, लंगपीह, ऊपरी ताराबरी, बोरदुआर, बोकलापारा, नोंगवा, मातमूर, खुंडली एवं रेटाचेरा, खानापारा-पिलांगकाता, देशदेमोरिया ब्लॉक 1 और ब्लॉक 2 शामिल है।
विवाद का कारण।
असम के कामरूप जिले और मेघालय के वेस्ट खासी हिल्स जिले की सीमा से लगा लंगपीह दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच विवाद की एक प्रमुख वजह है। असम और मेघालय इस पर अपना अपना दावा पेश करते हैं।
दूसरा विवाद ब्लॉक 1 और ब्लॉक 2 को लेकर है। मेघालय सवाल उठाता रहा है कि मिकिर हिल्स के ब्लॉक 1 और 2 असम को क्यों दिए गए। मेघालय का तर्क है कि दोनों ब्लॉक तत्कालीन यूनाइटेड खासी और जयंतिया हिल्स जिलों के हिस्सा थे।
दोनों राज्यों के बीच विवाद निपटाने के अब तक के प्रयास।
असम और मेघालय ने सीमा विवाद निपटाने वाली समितियों का गठन किया है। हाल ही में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सीमा विवाद को लेकर चरणबद्ध तरीके से सुलझाने के लिए दो क्षेत्रीय पैनल गठित करने का फैसला किया था। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के अनुसार, सीमा विवाद को हल करने में ऐतिहासिक तथ्य, जातीयता, प्रशासनिक सुविधा समेत पांच पहलुओं पर विचार किया जाना चाहिए था।
हालिया समझौते।
असम और मेघालय की जिन 6 विवादित क्षेत्रों को लेकर सहमति बनी है, वह एरिया 36.79 वर्ग किलोमीटर का है। इसमें से एक 18.51 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र असम अपने पास रखेगा और मेघालय के हिस्से 18.28 वर्ग किलोमीटर जमीन जाएगी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि शेष सीमा विवाद को भी 6-7 महीनों में सुलझा लिया जाएगा।
तारीख: 01/04/2022
लेखक: निशांत कुमार।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें